pakistan most dangerous country
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पाक सबसे खतरनाक देश

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अमेरिका और पाकिस्तान के बीच के रिश्तों का सच विश्व शायद ही कभी जान पाए। पाकिस्तान और अमेरिका के बीच कभी दोस्ती तो कभी दूरी का ऐसा अनोखा संबंध नजर आता है, जोकि रणनीतिकारों को चकित करता रहा है। जब अमेरिका और भारत के संबंधों की बात आती है तो यह सब कुछ पत्थर पर लिखी इबारत की भांति होता है, लेकिन जब अमेरिका और पाकिस्तान के बीच के रिश्तों की बात आती है तो यह सब कुछ पर्दे के पीछे की कहानी हो जाता है। कुछ दिन पहले की ही बात है जब पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ और विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो ने अमेरिका की यात्रा की थी और उनका वहां गर्मजोशी से स्वागत किया गया था, उसके बाद पाक सेना प्रमुख ने भी अमेरिका की यात्रा की थी। हालांकि अब एकाएक अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन का बयान आया है कि पाकिस्तान दुनिया के सबसे खतरनाक देशों में से एक है। उन्होंने यह भी कहा है कि पाकिस्तान के पास परमाणु हथियार हैं और वहां कोई सामंजस्य नहीं है। आखिर बाइडन के इस बयान को किस प्रकार से समझा जाना चाहिए। क्या वास्तव में वे वही कह रहे हैं, जोकि पाकिस्तान वास्तव में है। या फिर वे अपने दोस्त को दुनिया की नजरों में खराब करके पीछे से उसके भले की योजना बना रहे हैं। वहीं यह भी संदेहास्पद है कि बाइडन जो कह रहे हैं, उसके बाद अमेरिका कुछ ऐसा करेगा, जिससे पाकिस्तान उन खतरनाक देशों की सूची से बाहर आ जाए, जिसे अमेरिका ने अपने लिए बना रखा है। वह इस सूची को अपने हित में बदलता रहता है।    

इस सच से न पाकिस्तान भाग सकता है और न ही अमेरिका की, पाक के पास उसकी औकात से भी कहीं बढक़र परमाणु हथियार हैं। अमेरिका समेत पूरी दुनिया जानती है कि इन परमाणु बमों को उसने किस देश के लिए तैयार करके रखा हुआ है। पाकिस्तान का जन्म ही भारत विरोध की बुनियाद पर हुआ है, ऐसे में इस पूरी दुनिया में पाकिस्तान के लिए उसकी नजर में सबसे बड़ा दुश्मन भारत ही है। पाकिस्तान की कोई भी सरकार अपने नागरिकों के लिए खाने का प्रबंध करे या नहीं, उनके लिए शिक्षा,चिकित्सा, रोजगार का प्रबंध करे या नहीं लेकिन वह अपनी सेना के लिए हथियारों का प्रबंध जरूर करती है। पिछले दिनों में ही अमेरिका ने पाकिस्तान को दिए अपने युद्धक विमानों की सार संभाल के लिए एक मोटी रकम प्रदान की थी। क्या यह सब करते हुए अमेरिका को यह नजर नहीं आता कि वह पाकिस्तान से हथियारों की यह दौड़ बंद करने को कहे या फिर भारत की ओर से लगातार उठाई जा रही आपत्ति की पाकिस्तान अपने यहां आतंकियों को पनाह देकर उन्हें भारत के खिलाफ इस्तेमाल कर रहा है, पर रोक लगवाए।

पाकिस्तान के हालात तो इतने संगीन हैं कि वह भारत के लिए ही नहीं अपितु पूरी दुनिया के लिए खतरनाक बन चुका है। उसके पड़ोस में अफगानिस्तान के जैसे हालात हैं और तालिबान ने जिस प्रकार एक निर्वाचित सरकार को खदेड़ कर वहां अपनी सल्तनत कायम कर ली है, उसी प्रकार पाकिस्तान में भी ऐसा हो सकता है। इसकी सबसे ज्यादा आंच भारत पर ही आएगी। क्योंकि पाकिस्तान अपने खाने का प्रबंध करने के लिए भी वाशिंगटन दौड़ पड़ता है। इसके अलावा उसके हुक्मरान हर देश के सामने झोली फैलाते हैं, जहां से उन्हें दो-चार सिक्कों की उम्मीद होती है। बावजूद इसके कभी भी अमेरिका यह नहीं कहता है कि पाकिस्तान को अपने हालात सुधारने और अपनी जनता के कल्याण के लिए भी काम करना चाहिए।  आज की तारीख में पाकिस्तान में अल्पसंख्यक हिंदुओं पर भयंकर अत्याचार हो रहे हैं, रोजाना धर्म परिवर्तन और हिंदू महिलाओं के साथ बलात्कार जैसे अपराध अंजाम दिए जा रहे हैं, लेकिन अमेरिका की आंखें नहीं खुलती। उसे भारत में और उसके शासित कश्मीर में मानवाधिकारों का उल्लंघन नजर आ जाता है, लेकिन पाकिस्तान में हद दर्जे का वहशीपन नहीं दिखता।

पाकिस्तानी हुक्मरान बेइंतहा बेशर्मी का प्रदर्शन करते हुए थक गए हैं। पूर्व इमरान खान सरकार के दौरान उनके एक खास मंत्री को टीवी पर रोते हुए और यह कहते हुए कि सरकार लोगों को बाढ़ से निकालने का प्रबंध नहीं कर सकती, पूरी दुनिया ने देखा है। यह लाचारी अब पाकिस्तान के माथे पर लिखी जा चुकी है। बाइडन के बयान के बाद पाकिस्तान में जैसी हलचल है, वह उसके हुक्मरानों को परेशान किए हुए है कि आखिर यह कैसे कह दिया गया। पाकिस्तान सरकार भी यह नहीं समझ पा रही है कि एकाएक ऐसा बयान क्यों आ गया। विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो जहां प्रेस कॉन्फ्रेंस करके बाइडन के बयान पर हैरानी जता रहे हैं, वहीं विदेश मंत्रालय अमेरिकी राजदूत को बुलाकर अपनी नाराजगी जाहिर कर रहा है। हालांकि मौजूदा शरीफ सरकार को इसके लिए इतना शर्मिंदा होने की आवश्यकता नहीं है, क्योंकि बाइडन ने जो कहा है वह वर्षों से पाकिस्तान के संबंध में दुनिया में बन चुकी मानसिकता के आधार पर ही कहा है। बेशक, अमेरिकी राजनयिक अंदरखाने सब कुछ समझते और जानते हैं, लेकिन वे दक्षिण एशिया में भारत से मुकाबले में पाकिस्तान को तैयार करते रहे हैं, पश्चिम के सभी देशों की यही रणनीति रही है कि पाकिस्तान को ऐसे मोहरे के तौर पर बनाए रखो, जिसे भारत के खिलाफ प्रयोग में लाया जा सके।  

पिछले एक दशक के अंदर भारत ने जिस तेजी से अपनी अर्थव्यवस्था और राजनीतिक, सामाजिक ताकत का प्रदर्शन किया है, उसके बाद से तो यह तय हो गया है कि वह जल्द पश्चिमी देशों की बराबरी पर आ जाएगा। ऐसे में पश्चिम के देशों के लिए यह नया खतरा होगा, जिससे निपटने के लिए वे और क्या कर सकते हैं, सिवाय इसके की भारत की गति को बाधित करने के लिए पाक जैसे सिरफिरे मुल्क को तैयार करते रहें। जोकि उनकी कुंठाओं को शमित करने के लिए भारत के खिलाफ आतंक की फसल बोता रहे। इस बीच बेशक उसके नागरिक एक समय के खाने के लिए भी तरसे या फिर बाढ़, भूकंप, महंगाई जैसी आफतों में पिसते रहें। पाकिस्तान अपनी हेकड़ी और भारत से दुश्मनी निभाते रहने की चाह में अपना ही नुकसान कर रहा है, हालांकि अमेरिका जैसे देश जोकि किसी के भी दोस्त नहीं है, उसे अपने फायदे में इस्तेमाल कर रहे हैं। आखिर जिस घर से कोई उधार लेता हो, अगर वहां से कोई गाली भी दे तो कोई कैसे उसका विरोध कर सकता है, पाकिस्तान के साथ यही हो रहा है, वह गाली खा रहा है, क्योंकि वह अमेरिका की भीख पर पल रहा है।